मानव जीवन में संस्कार उदय करने का सशक्त माध्यम है श्रीमद्भागवत कथा


बस्ती। भक्तों के पापों का हरण कर लेने वाला ही ईश्वर है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने का लाभ तभी है जब हम इसे अपने जीवन में उतारें और उसी के अनुरूप व्यवहार करें।
दुबौलिया विकासखंड के ग्राम पंचायत सिकटिहवा में चल रही नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद भागवत के पांचवें दिन अवध धाम से आये कथा वाचक इंद्र बहादुर शास्त्री जी महाराज ने ब्यास पीठ से प्रवचन सत्र मे ब्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कार का उदय होता है। जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आ जाए मुनष्य को अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसे ही मनुष्य जीवन के रहस्य को समझ सकते हैं। कहा कि जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन धन्य है। ईश्वर ने विभिन्न लीलाओं के माध्यम से जो आदर्श प्रस्तुत किया, उसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ अपने कर्तव्य को भी समझा जा सकता है कथा में मुख्य यजमान शिवलाल चौरसिया झिनका देवी रघुनाथ अशोक रामतेज ऋतिक, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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