नारंग पट्टी-गोविंदपुर क्षेत्र में सरकारी शराब भट्टी से महिलाओं की सुरक्षा पर संकट: प्रशासनिक उदासीनता पर उठते सवाल, राघवेंद्र त्रिपाठी

गोरखपुर जनपद के सहजनवा तहसील अंतर्गत पाली ब्लॉक के नारंग पट्टी, गोविंदपुर और शहरी गांवों के बीच स्थित सरकारी देसी शराब भट्टी ने स्थानीय महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था को गंभीर संकट में डाल दिया है। यह भट्टी, जो पहले से ही विवादों में रही है, अब महिलाओं के लिए असुरक्षा का प्रतीक बन गई है। महिलाओं की दिनचर्या पर असर बुरा असर पड़ रहा है। इस क्षेत्र की महिलाएं पहले स्वास्थ्य लाभ के लिए नियमित रूप से टहलने जाती थीं, लेकिन अब शराब भट्टी के आसपास नशाखोरों और अराजक तत्वों की भीड़ के कारण उन्होंने इस मार्ग पर जाना बंद कर दिया है। इससे न केवल उनकी दिनचर्या बाधित हुई है, बल्कि मानसिक तनाव और भय का माहौल भी बना है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन और आबकारी विभाग की निष्क्रियता के कारण सरकारी शराब भट्टी के आसपास का क्षेत्र असुरक्षित होता जा रहा है। इससे न केवल महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है, बल्कि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है, जिससे सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हो रहा है। नाम ना बताने की शर्त पर आसपास के गांव की औरतों ने किसको हटाने की मांग की है। महिलाओं की मांग है कि स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस सरकारी शराब भट्टी को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने पर विचार करे, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह अस्थाई पुलिस चौकी की स्थापना की जा सके जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र में होना अनिवार्य है पुलिस चौकी लगभग 05 किलोमीटर दूर पड़ती है। महिला सुरक्षा समितियां से बात करने पर उन्होंने कहा है कि स्थानीय स्तर पर महिला सुरक्षा समिति का गठन किया जाना चाहिए जो प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करेगा। नारंगपट्टी, गोविंदपुर क्षेत्र में स्थित सरकारी शराब भट्टी न केवल महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है बल्कि सामाजिक संरचना को भी कमजोर कर रही है। प्रशासन और आबकारी विभाग को तत्काल कार्रवाई कर इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि महिलाएं पुनः सुरक्षित वातावरण में अपने दिनचर्या जारी रख सकें। शाम होते ही तिराहे पर अराजक तत्वों की भीड़ किसी भी सीधे-साधे इंसान को विचलित कर सकती है शासन प्रशासन के लोग भी मुख दर्शक बनकर अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं सूत्रों की अगर मन तो पुलिस की अच्छी खासी धन उगाही हो जाती है।

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